प्राथमिक विध्यालय बंजारा वाला में धाद का ३०१वा पुस्तकों का कोना स्थापित


देहरादून: उत्तराखंड की समाज सेवी संस्था "धाद" द्वारा संचालित अनोखी मुहीम "एक कोना कक्षा" के अंतर्गत देहरादून के प्राथमिक विद्यालय बंजारा वाला मे  ३०१वा कोना आज संचालित हुआ. इस अवसर पर  महिला सब इंस्पेक्टर दीपिका राणा ने  विद्यालय परिवार को पुस्तकों का कोना भेंट किया और उन्होंने बच्चों का उत्साह वर्दन  करते हुए  पढ़ाई की महत्वता के बारे में बताया और अच्छा नागरिक बनने, ट्रैफिक नियमो का पालन करने , अपराध व् हिंसा न करने  तथा कानून का सम्मान करने की सीख दी.

बच्चों मे साहित्यिक रचनात्मकता  को बढ़ावा देने हेतु पुस्तकों का एक कोना भेंट करने के बाद धाद साहित्य एकांश द्वारा सुनो कहानी...पढो  कहानी" नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे "मन-सतरंगी" के अंतर्गत बच्चों से संवाद किया गया जहा बच्चों ने यह बताया कि वे इस दुनिया को कैसा देखना चाहते हैं, उनकी निगाह में उनका शहर व् प्रदेश  कैसा होना चाहिए.... वे क्या सपने देखते हैं...इत्यादि।


विद्यालय की कक्षा ६ की छात्रा तुलसी ने कहा कि वह बडी़ होकर..."पुलिस"बनना चाहती है ताकि.... चोर भाग जांए। वहीं चाहत नाम की  दुसरी  छात्रा  ने कहा कि वह इंजीनियर बनना चाहती है और अपना  मकान बनाना चाहती है।

कार्यक्रम में उपस्थित "बाल सारोकार" एकांश के संयोजक गणेश उनियाल ने  विद्यालय परिवार को "कोना कक्षा के बाबत जानकारी दी। साहित्य एकांश की अध्यक्ष कल्पना बहुगुणा ने बच्चों को "नानी का चश्मा" नामक कहानी सुनाकर बच्चो मैं कहानी के प्रति रूचि जगाई और सचिव मंजू काला  ने  "सुनो कहानी" के  उद्देश्य के बारे मे बच्चों को जानकारी दी।  सिर्फ इतना ही नहीं, लक्ष्मी प्रसाद बडोनी ने  बच्चों को फूटबाल, बेसबाल हाकी आदि खेलों को जानकारी कहानी के माध्यम से दी।  साथ ही एकांश की वरिष्ठ सदस्य डा०नीलम प्रभा वर्मा ने भी  बच्चों को नैतिक शिक्षा की कहानियां सुना कर प्रेरित किया  और लोकगायिका पूनम नैथानी ने बच्चों को आंचलिक लोकगीतों से मोहित किया । इसके अलावा साहित्य एकांश की अन्य सदस्यों  नीलम बिष्ट व संगीता बहुगणा ने भी बच्चों को बाल कविताएं सुनाईं।

कार्यक्रम में विद्यालय की ओर से  प्रधानाध्यापिका अंजू मनादूलि ने"धाद साहित्य एकांश"का स्वागत किया और कार्यक्रम के अंत में साहित्य एकांश की अध्यक्षा कल्पना बहुगणा ने  धन्यवाद व् आभार व्यक्त किया 


बता दे  'धाद'  उत्तराखंड के सभी पर्वतीय क्षेत्र में ज्यादा मात्रा में आधुनिक और  उच्च स्तरीय पुस्तकों व् शिक्षण समाग्री  की व्यवस्था कर विधार्थियो को सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य में लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे है.  इस संस्था ने अब तक पूरे प्रदेश के अलग अलग जिलों में 300 से भी ज्यादा स्कूलों में पुस्तकालय के कोने संचालित किये है.

यदि आप भी चाहते है कि आपके गाँव तक दुनिया की सबसे अच्छी किताबे पहुंचे तो आप भी इस अभियान का हिस्सा बन सकते है।

आप को बस करना ये है कि आप अपने मूल गाँव का नाम उसकी पट्टी ब्लॉक का विवरण हमें भेज दीजिये। संपर्क सूत्र श्री केसर सिंह बिस्ट/श्री तन्मय ममगाई 

(9011220066/9219510932)

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

महाकुंभ 2081 में 45 करोड़ लोग कैसे आ रहे हैं | सीने में जलन और अंधविश्वास क्यों हैं?

पुरानी और उपयोग की गई कारों की बिक्री पर जीएसटी: संदेह और गलतफहमि

अम्बेडकर की चेतावनी के विपरीत: दलित समुदाय का राजनीतिक मुस्लिम समर्थन एक विडंबना

डॉ. अंबेडकर पर विवाद: कांग्रेस की ऐतिहासिक उपेक्षा और राजनीतिक दोहरे मापदंड उजागर

देवभूमि लोक कला उद्गम चैरिटेबल ट्रस्ट और उत्तराखंडी समाज ऐरोली द्वारा जरुरतमंदों को व्हीलचेयर वितरण एवं माता की चौकी का भव्य आयोजन

दूसरे दिन मंच पर जुटे सितारे, अनुकृति गुसाईं व प्रशांत ठाकुर ने देखा कौथिग

महाराष्ट्र: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मुंबई में प्रदर्शन