17वी लोकशभा चुनावो में करेंगे बेडा पार मोदी सरकार के 17 ऐतिहासिक व् साहसिक फैसले


स्वतंत्रता के बाद समाजवादी नीतियों पर चलते हुए कल्याणकारी राज्य की जिस अवधारणा का विकास हुआ उसमें सरकारी योजनाओं मेंलोकहितके बजायलोकलुभावन की नीति को ज्यादा तरजीह दी गई. समाज की सामान्य मनोस्थिति के अनुसार  दूरगामी हितों के बजाय तात्कालिक एवं आकर्षक दिखने वाली नीतियों के प्रति ज्यादा झुकाव रखा जिससे चुनाव जितने में आसानी हो. 

फलस्वरूप दर्द निवारक दवा खाकर दर्द से पीड़ित व्यक्ति त्वरित आराम तो महसूस कर लेता है, लेकिन दर्द के मूल कारण का इलाज नहीं हो पाता. लिहाजा हमें समझना होगा कि त्वरित आराम को चुनना ठीक है या जड़से इलाज?

महाभारत में  एक अति महत्वपूर्ण श्लोक है "स्वं प्रियं तु परित्यज्य यद् यल्लोकहितं भवेत "अर्थात राजा को अपने प्रिय लगने वाले कार्य की बजाय वही कार्य करना चाहिए जिसमें सबका हित हो।

केंद्र की मोदी सरकार के गत पांच वर्ष के कार्यो का मूल्यांकन करते समय महाभारत में वर्णित यह श्लोक और इसका भावार्थ स्वाभाविक रूप से जेहन में आता है।

आज जब मोदी सरकार के आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में किए गए तमाम निर्णयों पर गौर  करते हैं तो हमें लोकहित बनाम लोकलुभावन के अंतर को ध्यान में रखना होगा.  मोदी सरकार के ज्यादातर  निर्णयों का मूल्यांकन भी इसी कसौटी पर होना चाहिए

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने विमुद्रीकरण का ऐलान किया और एक जुलाई 2017 को सरकार ने अप्रत्यक्ष करों के सुधार की दिशा मेंएक राष्ट्र एक कर के रूप में जीएसटी लागू कराने में सफलता हासिल की, सरकार ने इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी तथा भगौड़ा आर्थिक  अपराध विधेयक पारित किये. और हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण विधेयक संसद में  पारित किये.

ये सारे निर्णय यथास्थितिवाद से टकराने वाले थे, लेकिन सरकार ने इन निर्णयों को अमली जामा पहनाया. जुमला कहने वाले बिरोधी तिलमिल करते रह गएसरकार जनता को यह समझाने में कामयाब रही है कि उनके कार्यकाल में किसी भी उद्योगपति को गलतढंग से कर्ज नहीं दिया गया  तथा जिन्होंने पहले मिली-भगत से  कर्ज लिया था  वे सख्त कानून की डर से  देश से भाग खड़े हुये. सरकार इन्हे जल्द डिपोर्ट कर कड़ी कारवाही कर रही है.

अगर परिणामों के धरातल पर बात करें तो आर्थिक सुधारों की दिशा में उठाए गए कदमों तथा कानूनी सुधारों का असर नजर रहा है। कारोबार में सुगमता की दृष्टि से भारत ने चमत्कारिक लक्ष्यों को छु रहा  है. अनुमान है की अगले वर्ष तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरने की ओर अग्रसर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चीन से तेज है जो अभी बढ़त में रहेगी. वर्ल्ड बैंक व् आइएमएफ ने अपने हालिया रिपोर्ट में  यह बताया है कि वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी विकास दर 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020 में 7.5  प्रतिशत रहने का अनुमान है। 


मोदी के इस दृष्टिकोण का आर्थिक पहलू तो परिणामों में नजर रहा है, लेकिन इसका व्यावहारिक पहलू थोड़ा अलग है. जब परंपरागत रूप से कोई स्थिति एक ढर्रे पर चली रही हो तो सामान्यतयाजोखिमकी तरफ जाना कोई नहीं चाहता. मोदी सरकार ने वह जोखिम लिया है, लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि उनके जोखिम लेने के बावजूद लोकप्रियता की कसौटी पर उन्हें नुकसान होता नहीं दिख रहा. इसका बड़ा कारण है कि मोदी लोकहित बनाम लोकप्रिय के नीति निर्धारण में संतुलन स्थापित करने में सफल हुए हैं. साथ ही कड़े फैसले लेते समय लोगों के मन में यह भरोसा पैदा करने में भी वह सफल रहे हैं कि जो भी वह कर रहे हैं उसके दूरगामी परिणाम लोकहित में  हैं।

सफलता के पीछे बड़े  कारण
इस सफलता के पीछे बड़ा कारण यह नजर आता है कि वह कोई भी कार्य ऐसा नहीं करते जिसका विजन और ब्लूप्रिंट उनके मन में पहले से तैयार हो. वह जानते थे कि आर्थिक सुधारों की कठिनाइयों से जनता को जूझना पड़ेगा, इसलिए विमुद्रीकरण जैसा फैसला उन्होंने तब लिया जब देश की एक बड़ी आबादी को जनधन योजना के जरिये बैंकिंग सिस्टम से जोड़ चुके थे.  नीत नियामकों पर शोध करने वालों के लिए यह कम आश्चर्य का विषय नहीं था कि भारत में विमुद्रीकरण जैसा निर्णय लेने के बाद भी मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी   नहीं आई।  

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की खास बात ये है कि सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार से दूर रहे हैं. जिस तरह पिछली सरकार 2जी स्कैम, कोयला स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, चॉपर स्कैम, आदर्श स्कैम केआरोपों में घिरी रही, उससे उलट मोदी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले नहीं आये। हालाँकि  मोदी सरकार को घेरने के लिए राफेल को मुद्दा बनाया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सारे आरोप खारिज कर दिये.

पारदर्शिता
मोदी सरकार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी कई काम किए गए, जिसमें कोयला ब्लॉक आंवटन में पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन, कई निविदाओं के लिए   ऑनलाइन व्यवस्था की शुरुआत की गई. साथ ही सब्सिडी जैसी सुविधाओं में पारदर्शिता की गई .

युवाओ के लिए रोजगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का आर्थिक माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। आर्थिक परिदृश्य बदलने से रोजगार के बंपर मौके भी बन रहे हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानि सीएसओ की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सितंबर 2018 से इस वर्ष अप्रैल के बीच आठ महीनों में 41,26,138 नौकरियां सृजित हुई हैं। इतना ही नहीं सिर्फ अप्रैल महीने में ही 6,85,841 लोगों को नया रोजगार मिला है और इनका EPFO में पंजीकरण हुआ है। अप्रैल महीने में सबसे अधिक 18 से 21 वर्ष के 1,87,221 युवाओं को रोजगार मिला हैं, वहीं 22 से 25 वर्ष के वर्ग में 1,80,892 युवाओं को रोजगार मिला है। सीएसओ ने इस वर्ष पहली बार आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं। रोजगार को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसने भी दुनिया के लिए नजीर पेश की है। रेलवे में चाहे दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी भर्ती (. लाख)का वर्ल्ड रिकॉर्ड हो या फिर मुद्रा योजना, स्टार्ट अप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम के तहत करोड़ों लोगों को रोजगार देना हो, मोदी सरकार की नीतियां युवाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। इन आंकडों से साफ है कि देश का कारोबारी माहौल नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव से बाहर चुका है।  

सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण
लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने ब्रह्मास्त्र चल दिया है। सवर्ण जातियों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला बहुत बड़ा फैसला माना जा रहा है। मोदीसरकार ने फैसला किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला लेकर पीएम मोदी ने 56 इंच का सीना दिखा दिया है। 

आयुष्मान भारत
हाल में मोदी सरकार द्वारा आयुष्मान भारत नाम से शुरू स्वास्थ्य योजना के तहत लाभार्थियों के रहे आंकड़े मोदी की विश्वसनीयता पर मुहर लगाने वाले हैं। इस महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना से स्वास्थ्य एवं बीमा क्षेत्र में 10 लाख रोजगार सृजित होंने की उम्मीद है। कहना गलत नहीं होगा कि कड़े फैसलों की कड़वाहट में चीनी घोलने का पुख्ता इंतजाम मोदी ने लोकहित की इन योजनाओं के माध्यम से किया जिसकी वजह से उन पर लोगों का भरोसा बढ़ा है और इस साल मई में उनकी सरकार फिर से चुने जाने के लिए तैयार है.

उज्जवला योजना
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इस योजना के माध्यम से उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी किया गया. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बीपीएल राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में सेलेंडर दियाजाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी हैं.

जीएसटी
जीएसटी का मतलब है एक राष्ट्र, एक टैक्स. इस नए टैक्स सिस्टम में सभी वस्तुओं के अलग अलग टैक्स नहीं देना होगा और पूरे देश में एक ही टैक्स व्यवस्था लागू की गई है. यह साल 1991 के बाद सेअर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद ये वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम है, जिसे लागू करने के लिए पिछली सरकार प्रयासरत थी. मोदी सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को सामान और सेवा (जीएसटी) संसद केसेंट्रल हॉल में आधी रात को संसद के विशेष सत्र में शुरू किया.

जनधन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन धन योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी. इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है और इन योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा भी मिला है. बताया जाता है कि आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डभी बनाया.

मुद्रा योजना
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लघु-लघु उद्यमों को 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है. ये लोन पीएमएमवाई के तहत वर्गीकृत किए गए हैं,ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए गए हैं. उम्मीदवार इन संस्थानों से लोन ले सकते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 23 मार्च 2018 तक कुल2,28,144,.72 करोड़ रुपए के कुल 4,53,51,509 कर्ज आवंटित किए गए हैं. योजना के तहत कुल 2,20,596.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. आपको बता दें कि इस योजना को 8 अप्रैल 2015 को लॉन्च किया गया था, इस योजना के तहत सरकार  5 -7  करोड़ रोजगार  सृजन कर सकेगी 

उड़ान
यह मोदी सरकार की अहम योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य आम आदमी को हवाई सेवा उपलब्ध कराना है. इसकी शुरुआत 2016 में की गई और करीब 128 रूट पर सस्ती दरों पर फ्लाइट उपलब्ध करवाई जा रही है.

स्वच्छ भारत अभियान
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल से ही की थी और उसे कामयाबी भी मिली. इस योजना के तहत पूरे देश में सफाई के लिए विशेष कार्य किए गए हैं, जिसमें शौचालय निर्माण से लेकर कचरा निस्तारण भी शामिल है

पहल योजना
डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराए जाने को लेकर फैसला किया गया है. इससे लीकेज और किसी हेराफेरी की गुंजाइश खत्म हुई है. पहल योजना के तहत एलपीजीसब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है, जिसका गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज है.  इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है. इस योजना ने करीब 3.34करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई

डिजिटाइजेशन की तरह अहम कदम
मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में डिजिटाइजेशन पर काफी जोर दिया है. अब बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य    सरकारी कार्यों में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है. इसमें मोदी   सरकार की डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने वाली भीम एप भी शामिल है. इस एप के तहत पैसे  सीधे बैंक   अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं. 2014 में जहां देश में मात्र 83 हजार Common Services Centres (CSC) थे, मार्च 2018 तक उनकी संख्या 2 लाख 92 हजार तक पहुंच चुकी थी। इस समय देश में 1 लाख 83 हजार ग्राम पंचायतों तक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हैं। इन सेवाओं में बैंकिंग, बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और आधार आधारित दूसरी सुविधाएं भी शामिल हैं। इन केंद्रों में से 52 हजार केंद्र महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हो रहे हैं और वहां 10 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

कौशल विकास
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कौशल विकास एवं उद्यमता मंत्रालय की ओर चलाई जाती है. इस स्कीम का उद्देश्य है देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है जिससे उन्हें रोजगार पाने में मदद मिल सके. इसमें  ट्रेनिंग की फीस सरकार खुद भुगतान करती है. सरकार इस स्कीम के जरिए कम पढ़े लिखे या 10वीं,12वीं   कक्षा ड्रॉप आउट युवाओं को कौशल प्रशिक्षिण देती है. सरकार ने 2020 तक एक करोड़ युवाओंको कौशल  प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है. 15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है. युवाओं को स्किल डेवलपमेंट घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए सरकार ने पिछले वर्ष तक 27 राज्यों के 484 जिलों में 527 प्रधानमंत्री कौशल केंद्र बनाया। पिछले वर्ष तक ही 2.5 करोड़ युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है।

 मेक इन इंडिया
मोदी सरकार ने भारत के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल की शुरूआत की. इसके तहत कैपिटल गुड्स के साथ नई तकनीक और आधुनिकता को बढ़ावा दिया जाता है. देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 कोमेक इन इंडियायोजना की शुरुआत की थी। यही वह योजना है जो रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है।मेक इन इंडियाके जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

स्टार्टअप इंडिया
भारत में दुनिया का बहुत बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित हो रहा है.  28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 419 जिलों में 9,750 स्टार्टअप पंजीकृत हुए हैं। सर्वे के मुताबिक एक स्टार्टअप में औसतन 12 लोगों को रोजगार मिलते हैं। यानि 1 लाख 17 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। 2013-14 में लगभग 68,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर होते थे, लेकिन चार साल में ही अब ये आंकड़ा ढाई लाख से भी ऊपर पहुंच गया है। गौरतलब है कि चार साल पहले भारत में मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ दो फैक्ट्रियां थीं, आज 120 फैक्ट्रियां मोबाइल बना रहीं हैं। विशेष बात यह है कि 45 प्रतिशत स्टार्टअप महिलाओँ द्वारा शुरू किए गए हैं।
 
तीन तलाक और हज यात्रा
तीन तलाक पर मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसका लंबे समय से विरोध किया जा रहा था.  सरकार ने लोकसभा में कई संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के बाद 'मुस्लिम वीमेनप्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल' पास करवाने का अहम कार्य किया है. कई मुस्लिम संगठन सब्सिडी खत्म करवाना चाहते थे और सरकार ने यह अहम् कदम उठाते हुए  हज पर दी जाने वाली वाली सब्सिडी इसीसाल से खत्म कर दी है, यानी 2018 से हज पर जाने वालों को   पूरा खर्च खुद ही वहन करना होगा.


Comments

  1. देश का अभिमान हो, सुदृढ़ अर्थव्यवस्था हो, पब्लिक हेल्थ हो, रोजगार हो , किसान हो , सड़के हो, बिजली हो , रसोई गैस हो, आर्मी द्वारा पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक हो ,डेमोनिटेजशन द्वारा भ्रस्टाचार का खात्मा हो, जीएसटी द्वारा देश में कर सुधार हो , भगोड़ो के खिलाप कार्यवाही हो, या हो पाकिस्तान के बालाकोट एयर पे स्ट्राइक द्वारा आतंकियों का खात्मा मोदी ने अपने पिछले ५ वर्षो में देशहित में बड़े निर्णय और अतिआवश्यक कदम उठाये। वोट जरूर करे और देश का गौरव बढ़ाये

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