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Showing posts from 2019

प्राथमिक विध्यालय बंजारा वाला में धाद का ३०१वा पुस्तकों का कोना स्थापित

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देहरादून:  उत्तराखंड की समाज सेवी संस्था "धाद" द्वारा संचालित अनोखी मुहीम "एक कोना कक्षा" के अंतर्गत देहरादून के   प्राथमिक विद्यालय बंजारा वाला मे   ३०१वा कोना आज संचालित हुआ. इस अवसर पर   महिला सब इंस्पेक्टर दीपिका राणा ने   विद्यालय परिवार को पुस्तकों का कोना भेंट किया और उन्होंने   बच्चों का उत्साह वर्दन    करते हुए   पढ़ाई की महत्वता के बारे में बताया और   अच्छा नागरिक बनने , ट्रैफिक नियमो का पालन करने , अपराध व् हिंसा   न करने    तथा   कानून का सम्मान करने   की सीख दी. बच्चों मे साहित्यिक रचनात्मकता   को बढ़ावा देने हेतु पुस्तकों का एक कोना भेंट करने के बाद धाद साहित्य एकांश द्वारा “ सुनो कहानी...पढो   कहानी " नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे   " मन-सतरंगी" के अंतर्गत बच्चों से संवाद किया गया जहा बच्चों ने यह बताया कि वे इस दुनिया को कैसा देखना चाहते हैं , उनकी निगाह में उनका शहर व् प्रदेश   कैसा होना चाहिए.... वे क्या सपने देखते हैं...इत्यादि। विद्यालय की कक्षा ६ क...

क्या आप भी देखते है एक बेहतर उत्तराखंड का सपना?

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आर्यन प्रेम राणा, #VRIGHTPATH के संस्थापक जिंदगी में सपना होना मानव जीवन के लिए वरदान है। वास्तव में   सपने , इच्छाएँ , महत्वकांगशाये ही तो हमारे जीवन के चालक है. ये   हमको कुछ करने की प्रेरणा देते है और इन्ही की वजह से हम यह जान पाते है की हमें करना क्या है व् हमें पाना क्या है.   आपका सपना कुछ भी हो सकता है।   इसरो का वैज्ञानिक बनकर चाँद व्   अन्य ग्रहो पर जीवन की सम्भावनाये तालसना, या फिर मोती बाग जैसी ऑस्कर नॉमिनेट डाक्यूमेंट्री बनाना या फिर अपने क्षेत्र में   एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना   या कारखाना लगाना, या अन्य कुछ भिन्न।   कुछ सपने हम स्वयं साकार कर सकते है और कुछ   के लिए हम दुसरो की मदत लेते है।    सपनो की ऐसी ही कड़ी में एक बेहतर   उत्तराखंड का सपना भी है . एक ऐसा उत्तराखंड जो सपनो की उड़ान भरकर सबकी   उम्मीद बन जाय. हमारी इन   उम्मीदों का सबसे बड़ा तपका हमारी भविष्य की पीढ़ी है जो इस समय अपने लिए सुन्दर सपने सजोह रही है और ये  उत्तराखंड के 17000 से भी ज्यादा    स्कूलों में पढ़ाई ...

"जेई भर्ती पर पुनर्विचार करे उत्तराखंड सरकार " -रविंद्र जुगरान, वरिष्ठ भाजपा नेता

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देहरादून , २६ अगस्त २०१९ : 252 चयनित  जेई  अभ्यार्थि  चयन आयोग द्वारा  यूपीसीएल  व् पिटकुल  में इलेक्ट्रिकल   भर्ती को रद्द करने के    खिलाप  उत्तराखंड सरकार से  देहरादून के परेड ग्राउंड पर २६ अगस्त से धरना  देकर अपने हक़ की  लड़ाई लड़ रहे है.  वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व दर्जाधारी रविंद्र जुगरान इन  चयनित  अभ्यार्थियों  के साथ हुये अन्याय के खिलाप इनके साथ सम्लित हुए.  उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित मीडिया कांफ्रेंस    में जुगरान ने  सरकार के  जेई भर्ती को निरस्त करने के आदेश को २५२ युवा  अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की और से धान्द्ली व् अनियमिताओं  के आरोपों पर पुख्ता साक्ष्यों के बिना केवल संदेह  के  आधार पर यह भर्ती रद्द  करना  न्यायोचित नहीं है. और यदि परीक्षा में गड़बड़ी की गई  तो शासन ने  साथ ही सम्भंधित परक्षा सेंटरों के खिलाप कार्रवाही क्यों नहीं की. उन्होंने सरकार से इस नि...

252 चयनित जेई अभ्यार्थि अन्याय के खिलाप उत्तराखंड सरकार से लड़ेंगे हक़ की लड़ाई , 26 August से परेड ग्राउंड पर धरना

देहरादून  Aug 22, 2019 :  उत्तराखंड सरकार ने जेई भर्ती रद्द करके  माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अभेलना करते हुए अधीनस्थ चयन आयोग  के  बिचार व् हरिद्वार डीएम दीपक रावत की रिपोर्ट को ही आधार बनाकर मॉडरेशन कक्ष में प्रशासन द्वारा मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल को प्रतिबंद न होने को निष्कर्ष  में  शामिल किया  और कहा है की हरिद्वार डीएम की जाँच रिपोर्ट पर संदेह करना उचित नहीं होगा। निष्कर्ष में सरकार का बिना सबूत यह भी कहना है कि सफल अभ्यार्थियों ने अपने प्रत्याबेदन में हरिद्वार जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के मुख्य  निष्कर्ष का खंडन नहीं किया है कि मॉडरेशन के दौरान मोबाइल का प्रयोग करने से परीक्षा की गोपनीयता तथा सुचिता सुरक्षित नहीं रही है।   उच्च न्यायालय  ने   उत्तराखंड ऊर्जा सचिव को  अपने आदेश में कहा था    " It is made clear that no personal hearing would be given to anyone and Secretary (Energy) shall take decision independently , without being influence...

उत्तराखंड की रावत सरकार से नहीं मिला न्याय, बिना किसी ठोस आधार के जेई भर्ती करावा दी रद्द , सीबीआई जाँच की मांग

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देहरादून, August 19, 2019: एक समाचार पत्र  में छपी न्यूज़ के अनुसार  उत्तराखंड सरकार की एनर्जी सचिव राधिका झा ने जेई भर्ती रद्द करने के आदेश  दे दिए है. अभ्यार्थियों का कहना है कि बिना किसी ठोस आधार व् सबूत के उत्तराखंड सरकार ने 252 जेई  पदों के लिए पिटकुल/यूपीसीएल के  चयन को निरस्त कर इस प्रकरण में अपनी मिलीभगत साबित की है. इन अभ्यार्थियों का मानना है कि इस मामले की जाँच में उत्तराखंड सरकार गंभीर नहीं है और एक सुनियोजित तरीके से पूरी चयन परिक्रिया को रद्द कर इन युवाओ के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर इनको डिप्रेशन में धकेल रही है.   दो वर्ष से चल रहे इस मामले में अबतक के घटनाक्रम को गंभीरता से समझने की जरुरत है जिमसे हरिद्वार के डीएम दीपक रावत की भ्रमित करने वाली रिपोर्ट, माननीय उत्तराखंड उच्तम न्यायलय के जज का ट्रांसफर, उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी का अभ्यार्थियों को मिलने का जरुरी समय न देना, देहरादून के अखबारों द्वारा अभ्यार्थियों की प्रेस वार्ता की न्यूज़ न कवर करना, एनर्जी सचिव राधिका झा का मामले को इंडिपेंडली एक्सामिन न करके अधीन...

त्रिवेंद्र रावत सरकार ने किया यूपीसीएल अभ्यार्थियों को लाचार, प्रधान मंत्री मोदी से न्याय की गुहार

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देहरादून १२ अगस्त २०१९ : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर यूपीसीएल चयनित अभ्यार्थियों पर निराधार तथ्यो के आधार पर चयन प्रक्रिया को निरस्त कर ठन्डे बस्ते में डालकर चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करके मानसिक उत्पीड़न के आरोप लग रहे है. ये सभी अभ्यर्थि अब इसमे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं. दरअसल यह मामला इस लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योकि उत्तराखंड सरकार बेरोजगार युवाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है. यह लम्बित मामला उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा 252 पदों के लिए पिटकुल/यूपीसीएल जूनियर इंजीनियर की परीक्षा के आयोजन का है जो दो साल पहले  5  नवंबर 2017 में किया गया था और जिसका परिणाम 8 फरवरी 2018 को घोषित किया गया।सफल अभ्यर्थियों का अभिलेखन सत्यापन 6 मार्च से 9 मार्च 2018 के बीच करवाया गया।  त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री , उत्तराखंड सरकार  लेकिन तभी अचानक इतनी लम्बी प्रक्रिया के उपरांत कुछ असफल अभ्यर्थियों द्वारा चयन प्रक्रिया  पर संदेह व्यक्त कर उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी. जिसके परिणाम स्व...

17वी लोकशभा चुनावो में करेंगे बेडा पार मोदी सरकार के 17 ऐतिहासिक व् साहसिक फैसले

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स्वतंत्रता के बाद समाजवादी नीतियों पर चलते हुए कल्याणकारी राज्य की जिस अवधारणा का विकास हुआ उसमें सरकारी योजनाओं में ‘ लोकहित ’ के बजाय ‘ लोकलुभावन ’ की नीति को ज्यादा तरजीह दी गई . समाज की सामान्य मनोस्थिति के अनुसार   दूरगामी हितों के बजाय तात्कालिक एवं आकर्षक दिखने वाली नीतियों के प्रति ज्यादा झुकाव रखा जिससे चुनाव जितने में आसानी हो .   फलस्वरूप दर्द निवारक दवा खाकर दर्द से पीड़ित व्यक्ति त्वरित आराम तो महसूस कर लेता है , लेकिन दर्द के मूल कारण का इलाज नहीं हो पाता . लिहाजा हमें समझना होगा कि त्वरित आराम को चुनना ठीक है या जड़से इलाज ? महाभारत में   एक अति महत्वपूर्ण श्लोक है " स्वं प्रियं तु परित्यज्य यद् यल्लोकहितं भवेत " अर्थात राजा को अपने प्रिय लगने वाले कार्य की बजाय वही कार्य करना चाहिए जिसमें सबका हित हो। केंद्र की मोदी सरकार के गत पांच वर्ष के कार्यो का मूल्यांकन करते समय महाभारत में वर्णित यह श्लोक और इसक...