252 चयनित जेई अभ्यार्थि अन्याय के खिलाप उत्तराखंड सरकार से लड़ेंगे हक़ की लड़ाई , 26 August से परेड ग्राउंड पर धरना

देहरादून Aug 22, 2019 : उत्तराखंड सरकार ने जेई भर्ती रद्द करके माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अभेलना करते हुए अधीनस्थ चयन आयोग  के  बिचार व् हरिद्वार डीएम दीपक रावत की रिपोर्ट को ही आधार बनाकर मॉडरेशन कक्ष में प्रशासन द्वारा मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल को प्रतिबंद न होने को निष्कर्ष में शामिल किया और कहा है की हरिद्वार डीएम की जाँच रिपोर्ट पर संदेह करना उचित नहीं होगा। निष्कर्ष में सरकार का बिना सबूत यह भी कहना है कि सफल अभ्यार्थियों ने अपने प्रत्याबेदन में हरिद्वार जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के मुख्य  निष्कर्ष का खंडन नहीं किया है कि मॉडरेशन के दौरान मोबाइल का प्रयोग करने से परीक्षा की गोपनीयता तथा सुचिता सुरक्षित नहीं रही है।  

उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड ऊर्जा सचिव को अपने आदेश में कहा था  "It is made clear that no personal hearing would be given to anyone and Secretary (Energy) shall take decision independently , without being influenced by any observation made by the Selecting Body" जिसका मतलब है "यह स्पष्ट किया जाता है कि चयन आयोग द्वारा किए गए किसी भी अवलोकन से प्रभावित हुए बिना, किसी को भी व्यक्तिगत सुनवाई नहीं दी जाएगी और सचिव (ऊर्जा) स्वतंत्र रूप से निर्णय लेगा।

अभ्यार्थियों का कहना है  कि उच्च न्यायालय के  स्पष्ट आदेश के बाबजूद  अगर सरकार  चयन आयोग के इन बेबुनियाद बिन्दुओ को आधार बना रही है तो सबसे पहले अपने अधीनस्थ चयन आयोग व  इन प्रेक्षकों को दोषी माने व् साबित करे की  प्रेक्षकों ने प्रश्न पत्र की गोपनीयता भंग की है. इस चयन आयोग का गठन 2014 मे हुआ और तबसे मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो चयन आयोग संचालित अन्य सभी परीक्षाओं के माडरेशन मे भी होता रहा है, तो फिर सरकार द्वारा उन सभी भर्तियों को भी संदेह की दृष्टि से देखा गया क्या? अभी हाल ही में सिविल सेवा की भर्ती की परीक्षा भी इसी जेई चयन के साथ ही हुआ था और उनको जॉइनिंग दे दी गई हैं तो इन चयनित जेई के के साथ सरकार का यह भेदभाव क्यो कर रही है?

सरकार की ये सब गोल मटोल व् निराधार दलीले जेई भर्ती रद्द करने व 252 युवाओ की कड़ी मेहनत पर पानी फेरकर इनका भविष्य बर्बाद करने के लिए काफी नहीं है.

अब ये सभी अभ्यार्थि 26 अगस्त से सरकार के इस निर्णय के खिलाप व् अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ेंगे और परेड ग्राउंड पर धरना व प्रदर्शन करेंगे, जिसके लिए इन्होने प्रशासन से स्वीकृति ले ली है.

इन्होने अपने सभी उत्तराखंडी भाई बहनो व् माताओ से  बिनम्र निवेदन किया है कि  इस मुहीम में परेड ग्राउंड आ कर इनका का साथ दे और सरकार से न्याय दिलाने में  सःहिर्दय मदत करे. जैसे आप लोगो ने बिपक्ष द्वारा उठाये गए कई निराधार संदेहो के बाबजूद माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी का साथ देकर उन्हें प्रचंड बहुमत से जिताया। उसी तरह इनको भी संदेह की वजह से हुए अन्याय से बचाने में अपनी भूमिका निभाये।इनके  खिलाप भी  कुछ असफल अभ्यार्थियों ने  भ्रम फ़ैलाने की कोशिश कर इस प्रक्रिया को बाधित किया जिसमे उत्तराखण्ड सरकार ने इनका (असफल अभ्यार्थियों)  साथ दिया और जेई भर्ती रद्द करावा दी!

Comments

Popular posts from this blog

महाकुंभ 2081 में 45 करोड़ लोग कैसे आ रहे हैं | सीने में जलन और अंधविश्वास क्यों हैं?

पुरानी और उपयोग की गई कारों की बिक्री पर जीएसटी: संदेह और गलतफहमि

अम्बेडकर की चेतावनी के विपरीत: दलित समुदाय का राजनीतिक मुस्लिम समर्थन एक विडंबना

डॉ. अंबेडकर पर विवाद: कांग्रेस की ऐतिहासिक उपेक्षा और राजनीतिक दोहरे मापदंड उजागर

देवभूमि लोक कला उद्गम चैरिटेबल ट्रस्ट और उत्तराखंडी समाज ऐरोली द्वारा जरुरतमंदों को व्हीलचेयर वितरण एवं माता की चौकी का भव्य आयोजन

दूसरे दिन मंच पर जुटे सितारे, अनुकृति गुसाईं व प्रशांत ठाकुर ने देखा कौथिग

महाराष्ट्र: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मुंबई में प्रदर्शन