त्रिवेंद्र रावत सरकार ने किया यूपीसीएल अभ्यार्थियों को लाचार, प्रधान मंत्री मोदी से न्याय की गुहार
देहरादून १२ अगस्त २०१९ : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर यूपीसीएल चयनित अभ्यार्थियों पर निराधार तथ्यो के आधार पर चयन प्रक्रिया को निरस्त कर ठन्डे बस्ते में डालकर चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करके मानसिक उत्पीड़न के आरोप लग रहे है. ये सभी अभ्यर्थि अब इसमे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं. दरअसल यह मामला इस लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योकि उत्तराखंड सरकार बेरोजगार युवाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है. यह लम्बित मामला उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा 252 पदों के लिए पिटकुल/यूपीसीएल जूनियर इंजीनियर की परीक्षा के आयोजन का है जो दो साल पहले 5 नवंबर 2017 में किया गया था और जिसका परिणाम 8 फरवरी 2018 को घोषित किया गया।सफल अभ्यर्थियों का अभिलेखन सत्यापन 6 मार्च से 9 मार्च 2018 के बीच करवाया गया।
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त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री , उत्तराखंड सरकार |
लेकिन तभी अचानक इतनी लम्बी प्रक्रिया के उपरांत कुछ असफल अभ्यर्थियों द्वारा चयन प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त कर उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी. जिसके परिणाम स्वरुप इस क्रम में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 66 अभ्यर्थियों के चयन के संबंध में अपने स्तर पर जांच की गई.
चयनित अभ्यर्थियों का कहना है की इस जांच की रिपोर्ट को 4 महीने के लंबे अंतराल के बाद एक साल पहले 11 जुलाई 2018 को कोर्ट में पेश किया गया. इस रिपोर्ट में सरकार के आदेश अनुसार उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा न्यायिक प्रक्रिया को लम्बित करने के उदेश्य से सिर्फ कुछ सामान्य बातो को भ्रमित व् निराधार तरीके से पेश किया गया जिसमे चयनित अभ्यर्थियों के कुछ प्रश्नों का एक समान उत्तर चुना जाना और कुछ का हाई स्कूल व् इंटरमीडिएट में द्वितीय व तृतीय श्रेणियां प्राप्त करना शामिल था.
उत्तराखंड जैसे पिछड़े राज्य में जहा उचित प्राम्भिक, माध्यमिक व् उच्च शिक्षा के लिए प्रयाप्त सुभिधायें नहीं है ज्यादातर छात्र इन्ही श्रेणियों में उत्रीर्ण होते है, और इनमें से सिर्फ कुछ ही उच्च शिक्षा व् प्रशिक्षण ले पाते है. इन 66 अभ्यर्थियों ने कई वर्षो तक कड़ी मेहनत से तैयारी कर एमटेक जैसी इंजीन्यरिंग डिग्री के आलावा रुड़की के एक सक्षम कोचिंग संस्थान से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया था जिसके कारण इन्होने पिटकुल/यूपीसीएल जूनियर इंजीनियर की परीक्षा में सफलता पाकर चयनित हुये। अतः स्वाभाविक है चयन आयोग की रिपोर्ट के तर्क जाँच की कसौटी पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतरते।
इसके उपरांत उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पुरे 1 वर्ष तक कई निस्परिणाम तारीखों की प्रक्रिया के पश्चात 25 मार्च 2019 वाली सुनवाई में इस मामले की सभी रिट पेटिशन्स को निरस्त कर माननीय न्यायधीश द्वारा चयन प्रक्रिया को जारी या निरस्त करने का निर्णय वापस उत्तराखंड ऊर्जा सचिव के ऊपर छोड़ दिया जिसमे माननीय उच्च न्यायालय ने निर्णय लेने की सीमा 3 माह तय की थी। परंतु इन 3 माह के उपरांत भी उत्तराखंड ऊर्जा सचिव द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है. और इस मामले मे नयी सुगबुगाहट ये है कि क्योंकि इन नियुक्तियों को निकालने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किया गया था इस लिए सरकार इस चयन प्रक्रिया को निरस्त करने की भरपूर कोशिश करती रही है.
चयनित अभ्यर्थियों ने उत्तराखंड सरकार से अपने स्तर पर भरपूर प्रयास किया और नयी निष्पक्ष जांचो की मांग कर हर जांच में पूर्ण सहयोग कर खरा उतरने की प्रतिबद्धता जताई। लेकिन अब इन्हे लगता है कि यहां सुनने वाली सरकार है ही नहीं बल्कि यह सरकारअपेक्षाओं के के विपरीत इस पिछड़े प्रदेश के पढ़े लिखे युवाओ को रोजगार से बंचित कर बेरोजगारी व् पलायन को बढ़ावा दे रही है
इन सब वजहो से गत 2 वर्षों से लंबित इस प्रक्रिया से चयनित अभ्यर्थि व् उनके परिजन अभी तक नौकरी न मिलने से निराश होकर भारी मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं और अब प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से गुहार करके इस मामले में हो रहे अन्याय से मुक्ति दिलाने में सहायता मांग रहे है.
इन पीड़ित अभ्यर्थियों के पास अब और कोई अन्य मार्ग नहीं बचा है और मोदी जी को इस मामले की कथा कथित असल स्थिति से अवगत करवाना अनिवार्य हो गया है कि माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय को पेश जांच रिपोर्ट के उपरांत जब कोई दोषी नहीं व् कुछ भी आपत्तिजनक तथ्य न मिलने पर भी मात्र संदेहात्मक आधार पर प्रक्रिया को निरस्त करने की बात क्यों की जा रही है? जबकि इसी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अन्य परीक्षाओं में दोषी पाए गये अभ्यर्थियों को अयोग्य मानकर सुयोग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा रही है तो फिर इनके साथ यह अन्याय किस आधार हो रहा है?
इन युवाओ को उम्मीद है कि इस मामले की जानकारी व् उनकी फरियाद माननीय प्रधान मंत्री तक जरूर पहुंचेगी और वे इस मामले का संज्ञान लेकर उत्तराखंड सरकार को इन सब विवादों से ऊपर उठकर इन पहाड़ी युवाओं को तुरंत रोजगार मुहैया कराने की पहल करके इनको व् इनके परिजनों को मानसिक तनाव व् हताशा से मुक्ति दिलाने में मदत करेंगे ।
इन युवाओ को उम्मीद है कि इस मामले की जानकारी व् उनकी फरियाद माननीय प्रधान मंत्री तक जरूर पहुंचेगी और वे इस मामले का संज्ञान लेकर उत्तराखंड सरकार को इन सब विवादों से ऊपर उठकर इन पहाड़ी युवाओं को तुरंत रोजगार मुहैया कराने की पहल करके इनको व् इनके परिजनों को मानसिक तनाव व् हताशा से मुक्ति दिलाने में मदत करेंगे ।
हमारा कोई sat नहीं दे रहा है sir
ReplyDeleteहमारा कोई sat नहीं दे रहा है h
ReplyDeleteHmare pkch Ko uksssc aur govt dono ni sunre
ReplyDeleteChoro se sath ki ummid karna hi galat hai
ReplyDeleteMe karu kuch
ReplyDeleteयहां गुनाहगार को बेगुनाह साबित करना आसान है लेकिन एक बेगुनाह को बेगुनाह साबित करना मुश्किल है, सच्चाई दर दर जा रही है न्याय के लिए लेकिन उसको सुनने वाले सब बहरे बनकर बैठे हैं।कोई सुनने वाला नहीं।क्या यही है मेहनत का फल,इतना बुरा।
ReplyDeleteSame in case of UPCL AE recruitment
ReplyDeleteHow someone can take such a wrong decision..
ReplyDeleteSir ynha insaf milna aise ho gya jaise kisi mre insan ko jindgi milna pls hlp us sir
ReplyDeleteItne time se humara bevkuf bnaya jaa rha hai.... Kbhi court ke sahaare to kbhi sachiv ke sahare. ..
ReplyDeleteAgr mehnat krne kaa anjaam yhi ho to kyu koi mehnat krke . Din raat ek krke exam qualify kre .. Taaki unpr chori kaa tag lga ke unko side kiya jaae... Jaha ek side modi g yuva ko uthane ke liye itni koshish kr rhe hai kashmir ke yuvao ko rojgaar dene ki koshish ki jaa rhi hai whi ek side uttarakhand govt. Humare side yeh sb kr rhi hai ...
Court ki to baat hi mat karo dost Uttarakhand high Ko judgement Lena hi nahi aata har baar case kisi na kisi Ko transfer kar dete hai...
DeleteIf you are not capable to take decision then why you are the part of the judgement system...
Janta apko Bhagwan ka se jayeda manti hai aur sabhi nyaay Palika ka Samman bhi karte hai...
Per ab sab Badal Gaya hai aur aaj ke time Mai paisa hi Bhagwan aur paisa hi nyaaay hai...
Ayog Ko agar lagta hai ki kuch gadbadi Hui hai to pahale apni enquiry karaye Apne ayog Mai jo black ship hai usko pakade... Ayog dwara karaye Gaye har exam Mai gadbadi Hoti hai jaise VDO, TG2 etc ..
ReplyDeleteStudents ka future to ye badi asani se kharab kar dete hai per Apne ayog Mai chupe huye corrupt officers ki enquiry kyu nahi karate hai....
Mujhe to lagta hai ki PURA ka PURA ayog hi corrupt hai iss liye ye apni enquiry nahi karate hai....
Jinko hum select karte hai wo Baad Mai hamse hi puchte hai hai ki tum Kaun....
ReplyDeleteAgali baat kisi Ko select nahi karna hai...Only NOTA...Modi ji ke Naam per sab CM bane pade hai ki CM sahab MODI ji jaisa kaam karenge per ye Modi ji se totally alag hai...next time either centre or state only NOTA...
भाइयो व् बहनो आप सबकी बात व् फरियाद माननीय प्रधान मंत्री तक tweetter के जरिय शेयर कर दी गयी है
ReplyDeleteशुक्रिया जी
DeletePpr ko jald se jald nirast krke dubara exam krana chaiye wo bhi jaldi hi jise competition fair bna rhe ..par sarkar ka ise trh maun rehna sahi baat ni h ye students ke sath kiya jane wala bhut bda fraud hai
ReplyDeleteजैसा आपने अंत मे लिखा है कि पहाड़ी युवाओं को जल्द से जल्द रोजगार मिले,.....सही कहा।। रुड़की जैसे मैदानी भागों में रहकर ये लोग हरसुविधा का लाभ लेकर पहाड़ी लोगों का हक छीन रहे है।भर्ती निरस्त हो जाये तो गलत क्या है।66 लोग एक इंस्टिट्यूट से कैसे सेलेक्ट हो सकते हैं? यदि जायज तरीके से हुए तो जिलाधिकारी दीपक रावत की रिपोर्ट क्या प्रभावित लगती है।जो आदमी दुनियाभर के खुलासे करता हो गलत है क्या?
ReplyDeleteTu jo bhi hai bhai tujhe dub marna chahiye...jab kuch pata na ho to muh nhi kholna chahiye.......rahi deepak rawat ki bat to wo ias kam or youtuber jada hai ...
DeleteBhai kya humare desh mein hindu muslim. Ki rajniti km hai krne ko..... Jo tum bhi aa gye pahadi aur madani ko leke.... ... Ppr koi bhi nikale pr imaandaari se nikale... Aur rhi baat pahadi ki to dekho jakar jara uss coaching mein jo tumare hi pahaad se hai..... Iss vacancy mein bhi top 10 mein 4,5 pahadi ke hi hai.. ... .to pehele sch jaane kya hai aur kya nhi. .. . Aur aap dpk Rawat g ki vakalat naa kre wo you tube tk hi shi hai... Kahawat suni hi hogi aapne dur ke dhol suhawane hi nazar aate hai
DeleteTu tarak karne se kuch nahi hoga.main us din laddu khilaunga sabhi ko jis din dubara exam hoga..Pata bahut kuch hai hame main doon me hi pala badha hun., Lekin PAHARIYO ke hit ki bat karunga.
ReplyDeleteBhai iss soch se aapka selection kahin ho jaae to btana jarur. . ..... Kyonki koi mehnti insaan kisi ki mehnat khraab hone ke laddu kbhi nhi baant skta...
DeleteKya national voice humari aawaj modi ji tk pahuchaega yaa yeh bhi jaisa abhi tk humare sath 2 saal tk hua hai sirf intzaar whi dega???
ReplyDeleteसरकार जो भी फैसला ले पर जल्द ले।100% सही तरह से सिलेक्शन कभी नही होता।पिछले कई एग्जामस में ये हुआ है, UKPSC ने भी लेक्चरर एग्जाम भी Interview base कराकर संदेह पैदा कर दिया है।आप लोग अदालत में अपने केश की पैरवी करो।सरकार से कोई उम्मीद न करो।वर्तमान सरकार सिर्फ प्रचार प्रसार कर लोगों को दिग्भर्मित करती है।हमने भी LT teacher में केश जीतकर joining ली है।और एक जगह नही 5 जगह सिलेक्शन हुआ है।जब कोई मर्यादित भाषा का प्रयोग न करे तो प्रतिक्रिया ऐसी ही आती है।इस मंच पर सभी पक्ष अपनी प्रतिक्रिया देने हेतु स्वतंत्र है।
ReplyDeleteSir .. Pr yha to highcourt ne bhi itna time lgaya.. . Aur ab fir time lgega
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