17वी लोकशभा चुनावो में करेंगे बेडा पार मोदी सरकार के 17 ऐतिहासिक व् साहसिक फैसले

स्वतंत्रता के बाद समाजवादी नीतियों पर चलते हुए कल्याणकारी राज्य की जिस अवधारणा का विकास हुआ उसमें सरकारी योजनाओं में ‘ लोकहित ’ के बजाय ‘ लोकलुभावन ’ की नीति को ज्यादा तरजीह दी गई . समाज की सामान्य मनोस्थिति के अनुसार दूरगामी हितों के बजाय तात्कालिक एवं आकर्षक दिखने वाली नीतियों के प्रति ज्यादा झुकाव रखा जिससे चुनाव जितने में आसानी हो . फलस्वरूप दर्द निवारक दवा खाकर दर्द से पीड़ित व्यक्ति त्वरित आराम तो महसूस कर लेता है , लेकिन दर्द के मूल कारण का इलाज नहीं हो पाता . लिहाजा हमें समझना होगा कि त्वरित आराम को चुनना ठीक है या जड़से इलाज ? महाभारत में एक अति महत्वपूर्ण श्लोक है " स्वं प्रियं तु परित्यज्य यद् यल्लोकहितं भवेत " अर्थात राजा को अपने प्रिय लगने वाले कार्य की बजाय वही कार्य करना चाहिए जिसमें सबका हित हो। केंद्र की मोदी सरकार के गत पांच वर्ष के कार्यो का मूल्यांकन करते समय महाभारत में वर्णित यह श्लोक और इसक...